गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर-बस्ती मंडल में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव आने जा रहा है. पहली बार, प्राइवेट सेक्टर में MBBS की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के श्रीगोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से 50 MBBS सीटों की मान्यता प्राप्त हुई है. इसके साथ ही, यह कॉलेज नीट काउंसलिंग के माध्यम से छात्रों के दाखिले की तैयारियों में जुटा हुआ है.
सरकारी और निजी संस्थानों में नए अवसर
इस सत्र में कुशीनगर के राज्य स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों और महराजगंज के KMC मेडिकल कॉलेज में PPP मॉडल के तहत 150 सीटों पर MBBS की पढ़ाई भी शुरू होने वाली है. इसके साथ ही इस क्षेत्र में अब कुल 875 MBBS सीटों पर पढ़ाई होगी जो कि पहले 575 सीटों तक सीमित थी.
चिकित्सा शिक्षा के विकास में योगी सरकार का योगदान
गोरखपुर-बस्ती मंडल में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज” योजना का भी बड़ा योगदान है. इस योजना के तहत बस्ती, सिद्धार्थनगर, देवरिया, और कुशीनगर में नए राज्य स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हुई जबकि महराजगंज में PPP मॉडल पर कॉलेज की नींव रखी गई.
चिकित्सा शिक्षा का विकास
लंबे समय तक गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही चिकित्सा शिक्षा का केंद्र था लेकिन, AIIMS गोरखपुर की स्थापना ने इस क्षेत्र को नई दिशा दी. पहले AIIMS गोरखपुर की 125 सीटों पर MBBS की पढ़ाई शुरू हुई थी. वहीं गोरखपुर-बस्ती मंडल में MBBS की सीट, बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर 150, एम्स गोरखपुर 125, राज्य स्वा.मेडिकल कॉलेज बस्ती 100, राज्य स्वा.मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थनगर 100, देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया 100, श्रीगोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज गोरखपुर 50, राज्य स्वा. मेडिकल कॉलेज कुशीनगर 100, केएमसी मेडिकल कॉलेज महराजगंज 150 सीट है.