राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक) यानी NEET UG EXAM दोबारा कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सोमवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने पुन: अपना पक्ष रखा। एनटीए की ओर से प्रस्तुत शपथपत्र में कहा गया कि वर्षा से परीक्षा के दौरान कुछ अव्यवस्था हुई थी, लेकिन इसकी वजह से किसी भी परीक्षार्थी की परीक्षा नहीं छूटी।
- परीक्षार्थियों ने न्यूनतम 120 प्रश्न हल भी किए हैं। इस पर याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में रिज्वाइंडर देकर नीट यूजी दोबारा कराने की मांग दोहराते हुए कहा कि चूंकि एनटीए स्वीकार कर रहा है कि परीक्षा वाले दिन वर्षा से अव्यवस्थाएं हुई थीं, इसलिए पूरी परीक्षा दोबारा कराना ही परीक्षार्थियों के हित में होगा।
- हाई कोर्ट अब इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा। अभी एनटीए द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होनी बाकी है।
- बता दें कि गत चार मई को देशभर में नीट यूजी आयोजित हुई थी। इंदौर में 49 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
- परीक्षा वाले दिन मौसम में अचानक बदलाव हुआ और शहर में जोरदार वर्षा के साथ 100 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा गति से हवा चली।
- ऐसे में, कई केंद्र पर परीक्षार्थियों को मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा देनी पड़ी। बहुत सारे परीक्षार्थियों का कहना है कि भारी वर्षा और आंधी से उनकी परीक्षा प्रभावित हुई।
- इस मामले में दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में अब तक 90 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं।
- इन पर पहली सुनवाई में इंदौर खंडपीठ ने गत 15 मई को नीट यूजी का परीक्षा परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी थी।
- हालांकि एक दिन बाद ही 16 मई को कोर्ट ने इस आदेश में संशोधन करते हुए एनटीए को केवल इंदौर के प्रभावित केंद्रों के परीक्षा परिणाम छोड़कर बाकी का परीक्षा परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दी थी।
- पिछली सुनवाई पर एनटीए ने हाई कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है।
- यह कमेटी प्रभावित परीक्षा केंद्रों की स्थितियों का विश्लेषण करेगी। यह रिपोर्ट संभवत: गुरुवार को अगली सुनवाई तक हाई कोर्ट में प्रस्तुत की जा सकती है।