NEET UG 2025

40 लाख में हुई थी NEET UG 2025 के पेपर की डील, एग्जाम से पहले राजस्थान SOG ने तीन लोगों को गुरुग्राम से पकड़ा

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NEET UG Exam 2025: नीट यूजी एग्जाम में ठगी की कोशिश का मामला सामने आया है. राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक नीट उम्मीदवार से 40 लाख रुपये की ठगी करने की कोशिश की. इन लोगों ने छात्र को परीक्षा का पेपर देने के नाम पर लाखों की ठगी का प्लान बनाया था. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब आज 4 मई 2025 को पूरे देश में नीट-यूजी (NEET-UG) परीक्षा आयोजित की जा रही है.

क्या है पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार, तीनों आरोपियों की पहचान बलवान (27), मुकेश मीणा (40), और हरदास (38) के रूप में हुई है. इन्होंने एक नीट उम्मीदवार और उसके परिवार को झांसा दिया कि उनके पास नीट-यूजी (नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा का पेपर है. शुक्रवार को ये लोग छात्र और उसके परिवार को गुरुग्राम ले गए और 40 लाख रुपये की मांग की. परिवार ने पेपर दिखाने को कहा, लेकिन जब इन्होंने मना कर दिया, तो परिवार ने SOG को सूचना दी. इसके बाद SOG ने शनिवार को तीनों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी है कि वे ऐसे फर्जी वादों से सावधान रहें. नीट जैसी परीक्षाओं में धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं. केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें.

NTA ने निकाला ठगी करने वालों को पकड़ने का तोड़

इससे पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET (UG) 2025 परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को फर्जी सूचनाओं से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया था. NTA ने 26 अप्रैल 2025 को एक खास पोर्टल शुरू किया था, जिसमें लोगों से संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी देने की अपील की गई थी. इस पोर्टल के जरिए अब तक 1500 से ज्यादा संदिग्ध सूचनाएं मिली हैं, जिनमें से ज्यादातर टेलीग्राम से जुड़ी हैं.

106 टेलीग्राम और 16 इंस्टाग्राम चैनलों की पहचान
NTA ने 106 टेलीग्राम और 16 इंस्टाग्राम चैनलों को चिह्नित किया है, जो NEET (UG) 2025 के पेपर लीक होने का झूठा दावा कर रहे थे. इन चैनलों पर गलत जानकारी देकर छात्रों को ठगने की कोशिश की जा रही थी. NTA ने इन चैनलों को हटाने के लिए टेलीग्राम और इंस्टाग्राम से संपर्क किया है. इसके अलावा ऐसे फर्जी चैनलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए NTA ने गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) को मामले सौंप दिए हैं.

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