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MBBS NEET UG: यूपी में अभ्यर्थियों का दूसरे कॉलेजों में समायोजन विभाग के सामने बड़ी चुनौती

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MBBS NEET UG की काउंसलिंग को लेकर बुधवार को आए हाईकोर्ट के फैसले ने फिलहाल चिकित्सा शिक्षा विभाग को राहत दे दी है। हालांकि जालौन, कन्नौज, सहारनपुर व अंबेडकर नगर के मेडिकल कॉलेजों में अनुसूचित जातियों के लिए तय कोटे से अधिक सीटों पर प्रवेश ले चुके अभ्यर्थियों का दूसरे कॉलेजों में समायोजन विभाग के सामने बड़ी चुनौती होगी।

MBBS NEET UG : इस पर फैसला जल्द होने वाली काउंसलिंग बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा। वहीं दूसरे चरण की काउंसलिंग भी तय समय पर शुरू हो सकेगी। सबरा अहमद नाम की छात्रा ने याचिका दाखिल कर कहा था कि राज्य सरकार ने सीट मैट्रिक्स में एससी वर्ग को 73 फीसदी, एसटी को 6 फीसदी और ओबीसी को 13 फीसदी आरक्षण देकर अधिनियम का उल्लंघन किया है। एकल पीठ द्वारा उन शासनादेशों को निरस्त कर दिया गया था, जिनके तहत तय सीमा से अधिक आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। डिवीजन बेंच ने भी इस पर मुहर लगा दी है। दरअसल, इन चारों मेडिकल कॉलेजों में 100-100 सीटें हैं। इनमें 15 फीसदी सीटें सेंट्रल पूल की हैं। शेष 85 पर स्टेट काउंसलिंग के जरिए प्रवेश दिया जाता है। इन मेडिकल कॉलेजों में पहले चरण में 200 से अधिक एससी छात्र प्रवेश ले चुके हैं। अब कोटे से अधिक वाले छात्रों के दूसरे सरकारी कॉलेजों की खाली सीटों पर समायोजन की चुनौती होगी। हालांकि आदेश में सभी के समायोजन को अनिवार्य नहीं किया गया है।

मगर जितने अभ्यर्थी समायोजित होंगे, उनकी रिक्त सीटों पर ओबीसी व सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाना है। अब देखना यह है कि विभाग इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाता है।

MBBS NEET UG : नये सिरे से बनानी होगी सीट मैट्रिक्स

इसके साथ ही विभाग को अगले साल की काउंसलिंग के लिए सीट मैट्रिक्स भी नये सिरे से तैयार करना होगा। दरअसल, जालौन, कन्नौज, सहारनपुर व अंबेडकर नगर के मेडिकल कॉलेज अनुसूचित जातियों के लिए स्पेशल कंपोनेंट के तहत बनाए गए थे। जहां वर्ष 2011 में उन्हें 70 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। अब शैक्षिक सत्र 2026-27 के लिए हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में सीट मैट्रिक्स बनाना होगा। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय द्वारा कोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार पहले चरण की काउंसलिंग में कुल 13093 सीटों में से 12888 सीटें अलॉट हो चुकी हैं जबकि 10251 अभ्यर्थी प्रवेश भी ले चुके हैं।

हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। काउंसलिंग जारी रहेगी। तय कोटे से अधिक सीटों पर प्रवेश ले चुके छात्रों के संबंध में सीटों की उपलब्धता के हिसाब से काउंसलिंग बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।

किंजल सिंह, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण

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